भला, बचपन जीने का अवसर कहाँ फ़िर से मिला करता है। भला, बचपन जीने का अवसर कहाँ फ़िर से मिला करता है।
कागज़ की कश्ती थी, खेलने की मस्ती थी, दिल ये आवारा था तितली जैसा निराला था कागज़ की कश्ती थी, खेलने की मस्ती थी, दिल ये आवारा था तितली जैसा निराला था
जी लो इसे उड़ते पंछी की तरह खुले आसमान के नीचे। जी लो इसे उड़ते पंछी की तरह खुले आसमान के नीचे।
बेहद खूबसूरत था मेरा बचपन, हाय! क्यों मैं बड़ी हो गयी? बेहद खूबसूरत था मेरा बचपन, हाय! क्यों मैं बड़ी हो गयी?
देखा होगा मेरा बचपन जिसने सजाकर रखी होंगी जिसने वक़्त की मासूमियत भरी दास्ताँ । देखा होगा मेरा बचपन जिसने सजाकर रखी होंगी जिसने वक़्त की मासूमियत भरी दास्ताँ ।
मन के आँगन में आकर इंद्रधनुषी रंग बिखेरा करते हैं। मन के आँगन में आकर इंद्रधनुषी रंग बिखेरा करते हैं।